कारवी - एक ऐसा पौधा जो 8 साल में
एकही बार फूलता है
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Strobilanthes callosa |
यह सुनने मे शायद अजीब लगे लेकिन है तो सच । बॉटनी से जुड़े हुए लोग और वनस्पति प्रेमी ऐसे पौधोसे भली-भांति परिचित है| कहीं आप यह तो नहीं सोच रहे कि इस प्रकार के पौधे भारतवर्ष में नहीं पाए जाते, तो ऐसा कदापि नहीं, भारत मे कारवी की कई प्रजातीयो के अलावा बांबू की भी अनेक प्रजातीया है जो जिन्हे कई सालों बाद फूल आते है, अमेरिका पाई जाने वाली आगावे अमेरिकाना इस वनस्पति का तो नाम ही सेंचुरी प्लांट रखा गया है क्योंकि यह लगभग 100 वर्ष के बाद फूलती है |
कारवी याने Strobilanthes callosa या Strobilanthes callosus, Carvia
callosa ये acanthaceae याने वासा कूल एक ऐसा
पौधा है जो पश्चिम महाराष्ट्र से लेकर दक्षिण भारत में प्रमुखता: पर्वतीय प्रदेशों
में पाया जाता है | इस वनस्पति की एक खास बात है यह आठवें
साल फूलती है और बीजों के निर्माण उपरांत नष्ट हो जाती हैं | बीज निर्माण उपरांत नष्ट होने वाले कई पौधों को आप सभी बड़ी निकटता से
जानते हैं ???????

इस प्रकार की वनस्पतियों को बॉटनी की भाषा Monocarpic कहते हैं जो फल आने के बाद नष्ट हो जाते हैं | जो लोग आयुर्वेद के ज्ञाता है क्या उनके मन में यह सवाल आया ?? की इस प्रकार की वनस्पतियों का वर्णन आयुर्वेद में आया है या नहीं ?
तो इसका जवाब यह है कि आयुर्वेद के आद्य ग्रंथ चरक संहिता के सूत्रस्थान के दीर्घजीवितीय नामक पहले ही अध्याय में औद्भिद वर्गीकरण के अंतर्गत ओषधि
नाम से आया है |
वनस्पतिर्वीरुधश्च वानस्पत्यस्तथौषधिः ॥७२॥
फलेर्वनस्पतिः पुष्पैर्वानस्पत्यः फलैरपि ।
ओषध्यः फलपाकान्ताः प्रतानवीरधः स्मृताः ॥ च. सू . १ /७३
कारवी एक ऐसा monocarpic पौधा है जिसे Plietesials (प्लिएटेसियल्स) कहते है
| प्लिएटेसियल्स उनको कहते हैं जिनमे एक ही क्षेत्र के सभी
पौधो मे एक साथ समूह मे फूल आते है,उस पश्चात बहुत बड़ी
मात्रा में बीज उत्पत्ति होकर सभी पौधे एक साथ नष्ट हो जाते हैं | सामन्यात: इस
तरह के पौधों का कालावधी 8 से लेकर 16 वर्षों तक का होता
है | कारवी के लिए यह कालावधी 8 साल का
है जब कि bamboo में प्रजाती अनुसार यह कालावधी 20 साल से 120 साल तक पाया जाता है |
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Karvi Flower |
अब हम जिस कारवी के फोटो को देख रहे हैं वो 2014 के
मेलघाट वनस्पती दर्शन के वक्त ली गई है| हम काफी भाग्यशाली
रहे क्योंकि 2014 से लेकर 2019 तक
मेलघाट में कारवी मे फूलोत्पत्ती नहीं हुई हैं |
अंदाज यह है कि 2021 या 2022 में शायद फूल देखने मिल जाए | इस तरह के पौधों में
पाए जाने वाले फूलोत्पत्ती को बॉटनी में Gregarious flowering ये जो शब्द का उपयोग किया गया है उसे हमने भली-भांति अनुभव किया क्यो की
उस क्षेत्र मे कारवी के लगभग सभी पौधों में सालो बाद फूलोत्पत्ती हुई थी |
आज हम कारवी के साथ-साथ उसी से मिलती-जुलती अन्य दो प्रजातियां याने S. integrifolius और S. lupulinus के बारे में तुलनात्मक रूप से
संक्षेप में जानेंगे
चलिए 3 पॉइंट आयडेंटिफिकेशन शुरू करते हैं |
A . Leaves (पत्ते)
1. इसके पत्ते Elliptic या lanceolate
याने अंडाकार या भलाकार आकार के और दोनों सिरों पर नुकीले होते हैं |
पत्तों की phyllotaxy Alternate एवं Opposite
होती है |
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Karvi leaves |
2. पत्तों की मार्जिन crenate होती
हैं जो दिखने मे serrate लगती है पर गौर से देखें तो आपको
इसमें अंतर आसानी से पता चल जाता है |
3. Petiole / Stalk या पर्णवृंत 2-3 इंच लंबा शुरुआत में लाल वही पत्तो की तरफ हरा होते जाता हुआ एवं winged
होता है |
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Karvi Phyllotaxy, Stem |
B. Stem (तना)
कारवी का stem या तना quadrangular याने
चौकोनी और warty होता है, मुझे तो यह warty
stem एलईडी लाइटिंग से कुछ कम नहीं लगा, आप
क्या मत है जरूर बताएं |
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Karvi Flowers |
C. Flowers (फूल)
इसके purple - bluish याने नीले - बैंगनी कलर के फूल
पत्रकोणो में आते हैं | कभी-कभी गुलाबी वर्ण के फूल भी पाए जाते हैं | इसे अगस्त
से नवंबर तक फूल आते हैं और दिसंबर से जून तक फल | इसके
फूलों के bract green या greenish pink होते हैं |
कारवी के बारे में तो आप सभी ने जान लिया कारवी से मिलती-जुलती कुछ
और प्रजातियां जो इन्ही प्रदेशों में पाई जाती हैं उनमें से आज
हम S. integrifolius जिसे वायटी भी काहते है और S.
lupulinus याने अकरा या इन दो प्रजातियों के बारे में तुलनात्मक
जानेंगे |
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Strobilanthes integrifolius |
मैं कुछ ऐसे मुद्दे आपको बताऊंगा जिन के द्वारा आप तीनों में से
उचित प्रजाति का चयन कर पाएंगे |
S. integrifolius इस प्रजाति में पत्तों की मार्जिन entire
होती है जबकि वहीं कारवी में crenate होती है
और पर्णवृंत कारवी की अपेक्षा काफी छोटा एवं winged नहीं
होता | यह पत्ते लगभग अडूसा समान दिखाई देते हैं |
वही हम S. lupulinus के बात करे तो इसके पत्ते आकार और margin
तो कारवी समान ही होते हैं लेकिन पर्णवृंत एवम पत्तों के ऊपरी और
निचली सतह पर काफी अधिक मात्रा में सूक्ष्म रोये पाये जाते है |
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Strobilanthes lupulinus |
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Strobilanthes integrifolius |
चलिए फूलों का अंतर भी जान ही लेते हैं |
S. integrifolius में फूल हल्के जामुनी वर्ण के एवं Terminal
और Axillary होते हैं जबकि कारवी में यह Axillary
होते हैं | S. integrifolius के rachis viscous याने चिपचिपे और hairy होते है जो कारवी
मे नहीं होते |
S. lupulinus लगभग कारवी के समान ही होते हैं किंतु
थोड़े छोटे एवं फूलों के bracts सफेद या गुलाबी वर्ण के पाए
जाते हैं जबकि कारवी में यह गुलाबी छटा लिए हरे वर्ण के होते हैं |
इन कुछ बातों द्वारा आप इन तीन प्रजातियों में से योग्य प्रजाती को
पहचान पाएंगे |
चलिए अब उस मेलघाट वनस्पति दर्शन के बारे में कुछ बातचीत करें जिस
दौरान हमें कारवी के फूलों के दर्शन हुए थे | वर्ष 2014 में
कोजागिरी पूर्णिमा के दिन याने 7 और 8 अक्टूबर
को , मानस आयुर्वेद नागपुर द्वारा इसका आयोजन किया गया था
जिसमे मेलघाट के retired Range forest officer गिरी सर ने
केवल 2 दिनों के अंदर 300 से अधिक
वनौषधियों के बारे में विस्तार से मार्गदर्शन किया था | मेलघाट
एक ऐसा क्षेत्र है जिसे हर किसी निसर्ग प्रेमीयों ने अवश्य भेट देना चाहिए |
मेलघाट टाइगर रिजर्व उन गिने-चुने 9 टाइगर
रिजर्व में से एक था जो 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के
अंदर चुने गए थे |
इसी पर आधारित एक वीडियो भी बनाया गया है जिसमें कुछ खास technique से आइडेंटिफिकेशन को कवर किया गया है | उसे देखना ना भूलें |
Thanks for reading till end. Please do comment about your opinion.
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